विहार से बिहार! बिहार राज्य का सही नामकरण इतिहास Vihaar to Bihar! Correct Naming History of Bihar|

समस्त भारतवासियों से नमस्ते| 

विहार से बिहार!

आप सब लोगों ने कभी ध्यान दिया कि बिहार का पूर्व इतिहास में शब्द रहा है विहार| आप इंटरनेट पर शोध करेंगे तो आपको यही शब्द दिखेगा...विहार| विहार का मतलब क्या है? कौन सी संस्कृति से इसका रिश्ता है? 

जैन संस्कृति या यूं कहें श्रमण संस्कृति में विहार शब्द का नियमित उपयोग होता है| वर्तमान परिस्थिति में जब जैन मुनि एवं आर्यिका साधु साधवी एक स्थान से दूसरे स्थान पैदल जाते हैं तो हम विहार शब्द का उपयोग करते हैं| यह शब्द श्रमण संस्कृति में अधिक प्रचलन में है लेकिन वर्तमान भारत में किसी अन्य संस्कृति में इस शब्द का इतना बहुतायत में उपयोग नहीं होता है|

आप जैन समाज के अपने किसी भी बंधु से इस विषय पर चर्चा करिए| वह आपको बताएंगे कि जब जैन मुनि उनके नगर में आते हैं, उनका चातुर्मास होता है, या वह वहां से विहार कर रहे होते हैं तो हर समय यही शब्द उपयोग में आएगा|

विहार का बिहार से जो जुड़ाव है वह प्रारंभ होता है भगवान महावीर से| भगवान महावीर का जन्म पूर्व इतिहास में वैशाली नगर में हुआ था| वैशाली में कुंड गिरी स्थान है वहां पर भगवान महावीर दीक्षा के पश्चात जब आहार के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान जाते थे उस क्रिया को विहार कहते थे

जितने भी पूर्व में तीर्थंकर हुए हैं, समस्त तीर्थंकर संस्कृति में विहार शब्द का नियमित उपयोग हुआ है| जिसके साक्षी जैन धर्म के आगम शास्त्र हैं| चाहे वह भगवान पार्श्वनाथ हो तीर्थंकर नेमीनाथ हो तीर्थंकर अजीतनाथ या फिर तीर्थंकर ऋषभदेव| 

समस्त तीर्थंकरों की संस्कृति में जब वह दीक्षा के पश्चात आहार लेते हैं तो उस समय आहार के साथ विहार शब्द का उपयोग होता है| इतना प्राचीनतम इतिहास है विहार शब्द का बिहार वासियों को इस पर गर्व होना चाहिए| 

यह विषय मैंने इसलिए उठाया क्योंकि आए दिन बिहार राज्य और बिहार नाम को लेकर सोशल मीडिया पर और अन्य जगहों पर बहुत नेगेटिविटी फैलाई जाती है| जो हमारा ऑफलाइन समाज है देश का वहां पर भी बिहार या जब बिहारियों को संबोधन करते हैं तो उसमें बड़ी नेगेटिविटी होती है बहुत से लोगों में जो मुझे अच्छा नहीं लगतीहै| मैं उसका समर्थक नहीं हूं| 

मैं चाहता हूं भारतवर्ष के विभिन्न राज्य के प्रति कोई भी नकारात्मकता नहीं हो| बिहार के संदर्भ में विहार के इतिहास में जब हम जाते हैं तो श्रमण संस्कृति का उल्लेख होता है| श्रमण संस्कृति में बौद्ध संस्कृति भी है जैन संस्कृति भी है| जैन संस्कृति का मूल नाम श्रमण है| अन्य नाम है इसके निर्ग्रंथ उसी में एक और नाम आता है व्रात्य| दक्षिण भारत से एक नाम है तमिल भाषा में समनार|

यह कार्य मैं इसलिए भी कर रहा हूं क्योंकि इतिहास में जब हम जाते हैं तो हमें सत्य ज्ञात होता है| विहार से बिहार के संदर्भ में जो शोध किया है उसका आधार है मेरा जैन इतिहास| इसलिए आप लोगों के समक्ष मैं सही साक्ष्य आप सबके साथ सांझा कर रहा हूं| 

इसी में एक उदाहरण मैं आपको बंगाल का दूं| पश्चिम बंगाल में एक स्थान है जिसका नाम है बोर्दोमान बंगाली भाषा में उसे इसी तरह से प्रोनाउंस करते हैं| बर्धमान को हिंदी में अगर हम कहेंगे या इंग्लिश में बोलेंगे तो उसका नाम आएगा वर्धमान| वर्धमान तीर्थंकर महावीर का एक अन्य नाम है जैसे कि उनके अन्य नाम सन्मति वीर अतिवीर एवं महावीर है| वैसे ही वर्धमान है| अभी के वर्तमान बंगाली जो निवास करते हैं दो से तीन दशक से उन्हें सही इतिहास ज्ञात नहीं है क्योंकि वर्तमान के ज्ञात इतिहास को जानने के लिए उन्हें जैन इतिहास में जाना पड़ेगा श्रमण इतिहास में जाना पड़ेगा और अभी जो हमारे देश में परिस्थिति है शिक्षा की उसमें जैन इतिहास की सही जानकारियां देश को नहीं दी गई हैं| चाहे वो केंद्र के लेवल पर हो या वह राज्यों के अपने लेवल में जो पाठ्यक्रम इन्होंने बनाया है उसमें जैन इतिहास प्रॉपर तरीके से stated नहीं है और इसीलिए भारतीय समाज में बहुत सी भ्रांतियां फैली हुई है या कह लीजिए कि गलत जानकारियों का प्रभाव बहुत  ज्यादा है| 

विहार जब हम बोलते हैं तो बिहार के साथ इतना गौरवशाली इतिहास है कि हम किसी का भी मुंह बंद कर सकते हैं जो बिहार के लिए नेगेटिविटी रखता है| इसलिए यहां पर मैं यह फैक्ट शेयर कर रहा हूं जैन संस्कृति के इतिहास के बारे में| लगभग सभी लोगों को कुछ पता ही नहीं है बहुत से जैनियो को भी उचित ज्ञान नहीं है| 

विहार मात्र एक शब्द नहीं है एक संस्कृति एक सांस्कृतिक धरोहर है| इस शब्द में पूरा धर्म दर्शन समाहित है| अभी के समय तो जैन मुनि जब विहार करते हैं इतनी बार इस शब्द का उपयोग होता है कि मैं आपसे क्या कहूं| लेकिन जैनियों के अलावा और अन्य जो है शायद ही कोई होगा जो विहार शब्द को use करता हो या उसको उसका सही मतलब पता हो| 

जैन संस्कृति में ऐसे हजारों ऐसे शब्द हैं जिनके बारे में सही जानकारी देश को नहीं है चाहे वह हिंदी हो इंग्लिश हो क्षेत्रीय भाषा हो| उन्हें वह सांस्कृतिक शब्द नहीं पता है जैसे श्रमण संस्कृति| विहार श्रमण संस्कृति का हिस्सा है श्रमण संस्कृति में बौद्ध दर्शन भी है भगवान बुद्ध भी उसी संस्कृति से दीक्षित हुए लेकिन मैं बौद्ध इतिहास का एक्सपर्ट नहीं हूं इसलिए मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं| 

यहां मैं आपसे अवगत करा रहा हूं जैन इतिहास में क्या बताया गया| तो बिहार और श्रमण संस्कृति का अटूट बंधन है बिहार और जैन संस्कृति का बहुत गहरा रिश्ता है| उसे जब आप लोग समझेंगे तो उससे जो नेगेटिविटी बिहार स्टेट से जुड़ी हुई है वो दूर होगी| यही मेरा प्रयास है यही मेरा ध्येय है यह वीडियो बनाने का| 

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धन्यवाद 

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