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दान पहले घर से शुरू करें।

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  (Charity begins from home) मन्दिर में दान देने से पहले देखें कि अपने बंधु, स्वधर्मी बन्धु अथवा पड़ोसी को इसकी ज़रूरत तो नहीं हैं ? अभी हाल ही में मैने सोशल मीडिया में एक दिगम्बर आचार्यश्री का , जैन दर्शन, समाज और संघ के हित में , अत्यंत ही प्रेरणादायक वीडियो सन्देश देखा। आचार्यश्री जी ने अपने उस वीडियो सन्देश में कहा कि यदि आपके पास दान करने के लिए धनराशि हो तो, उसे सबसे पहले अपने जरुरतमंद भाई अथवा स्वधर्मी बन्धु की सहायता के लिए देने का प्रयास करे। इस सन्दर्भ में उन्होने एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक श्रावक ने उनसे निवेदन किया कि वह ग्यारह लाख रुपये मन्दिर में दान करना चाहता है। तो आचार्यश्री ने उन्हे सुझाव दिया कि मन्दिर से ज्यादा आवश्यकता अपने किसी भाई अथवा स्वधर्मी बन्धु को तों नहीं हैं? इसलिए सर्वप्रथम वह अपने बग़ल में झाँककर देखे की उसके परिचित को पैसे की ज़रूरत तो नहीं हैं ? तब उस व्यक्ति को खयाल आया कि उसका सगा भाई ही निर्धन अवस्था में हैं और अपना जीवन यापन बड़ी मुश्किल से कर रहा है। उस व्यक्ति ने अपने भाई को पर्याप्त धनराशि देकर उसके व्यवसायिक प्रतिष्ठान को सुचारू रूप स...

उत्तम कर्म की परिभाषा

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उत्तम कर्म 🌼🌼 🌼"संसार के लोगों पर जैसे जैसे भौतिकवाद या भोगवाद का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, वैसे वैसे लोग तनाव चिंता भय मोह माया लोभ क्रोध चिड़चिड़ापन पागलपन आदि रोगों के शिकार होते जा रहे हैं। ये समस्याएं संसार के सभी देशों में लगातार बढ़ रही हैं।" 🌼"आज से 30 40 वर्ष पहले लोगों के पास धन संपत्ति मकान मोटर गाड़ी अच्छी सड़कें बिजली रेडियो टेलीविजन कंप्यूटर मोबाइल फोन इत्यादि साधन या तो नहीं थे, या बहुत कम थे। परंतु तब लोग सुखी अधिक थे।" 🌼"पिछले 30 40 वर्षों में ये भौतिक संसाधन तो लोगों के पास बहुत मात्रा में बढ़ गए हैं, परंतु उस अनुपात में सुख नहीं बढ़ा, बल्कि सुख तो कम ही हुआ है। और चिंता तनाव आदि दोष या मानसिक रोग अधिक बढ़ गये हैं।" "कुछ गंभीरता से विचार करना होगा, कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?" 🌼कहीं ऐसा तो नहीं, कि "जिन धन संपत्ति आदि भौतिक साधनों को लोगों ने स्थाई सुख का साधन मान लिया है, वास्तव में वे स्थाई सुख के साधन नहीं हैं!" "वे साधन तो मात्र जीवन रक्षा करने के साधन हैं, स्थाई सुख के नहीं।" "जब वे स्थाई सुख क...

क्या पूर्व इतिहास में तिरुपति बालाजी श्रमण जैन मंदिर (जिनालय) था?

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यह खबर जैन गजट जुलाई 2013 में प्रकाशित हुई थी। ये सब बातें स्वयं हिन्दू इतिहासकारों ने सिद्ध कीं। तिरुपति के बालाजी मंदिर जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान का मंदिर हुआ करता था। 8वीं सदी में गुरु रामानुजम और गुरु शंकराचार्य ने अपने शिष्यों के साथ मिलकर इसे हिंदुओं के वेंकटेश्वर भगवान के मंदिर में बदल दिया था। ऐसा उन्होंने वहां के क्षेत्रीय राजा की मदद से किया था। न केवल यह मंदिर बल्कि द्रविड़ जैन सभ्यता के सभी मंदिरों को हिन्दू मंदिरों में बदल दिया गया था। ऐसा वहां के ब्राह्मणों ने अपने निजी स्वार्थों के लिए और आजीविका हासिल करने के लिए किया। बताते चलें कि दक्षिण भारत की द्रविड़ जैन सभ्यता के सभी मंदिर सुमेरू पर्वत की स्वरूप(डिजाइन) से प्रेरित हैं। सुमेरू पर्वत पिरामिडनुमा है। सभी मंदिरों को सुमेरु पर्वत की बाह्य डिजाइन के आधार पर बनाया गया था। यहां तक कि बाहर की चारों तरफ की पिरामिडनुमा चतुष्फलकीय संरचना का अनुपात भी वही है। सुमेरु पर्वत का जैन धर्म में बड़ा महत्व है। इसी पर्वत पर प्रत्येक तीर्थंकर का प्रथम जन्माभिषेक इंद्र सहित स्वर्ग के देवता करते हैं। उस समय जब ये मंदिर बने ...

एक दृष्टि: भारत के नामकरण इतिहास की सही सच्चाई

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 भारत का नाम भारत तीर्थंकर ऋषभदेव / आदिनाथ भगवान के जेष्ठ पुत्र सम्राट भरत चक्रवर्ती के नाम पर रखा गया है| जिस काल खंड समय में यह समयघटित हुआ था वह महाभारत रामायण वैदिक काल से भी अधिक प्राचीन है| भरत चक्रवर्ती इस काल खंड के प्रथम चक्रवरतीं थे| वर्तमान समय में अनेक स्त्रोतों से प्रमाण एवं साक्ष्य प्राप्त हो सकते हैं: 1) श्रमण (जैन) शस्त्रों में सम्पूर्ण उल्लेख और विवरण पहले से ही उपलब्ध है 2) अनेकों प्रचलित वैदिक वैष्णव हिन्दू शस्त्रों एवं पुराणों में भी यह जानकारी उपलब्ध है परंतु अधिकांश हिंदुओं एवं वैदिक अनुयायियों को यह सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई और साथ ही किन्ही कारणों से उनसे जानबूझकर यह ज्ञान छुपाया गया, 3) ओडिशा राज्य के भुवनेश्वर नगर के समीप, स्थित हाथीगुम्फा में पुरातात्विक साक्ष्य उपलब्ध है जहां पर एक अति प्राचीन शिलालेख स्थापित है जिसे सम्राट खारवेल ने लिखवाया था| वहाँ पर भारत नाम स्पष्ट रूप से अंकित है प्राकृत भाषा में| संविधान निर्माताओं ने वही से प्रेरित होकर देश का नाम भारत रखा था| भारत के सही नामकरण इतिहास के तथ्यों को अधिकांश भारतीय शिक्षक एवं इतिहासकार सही साक...

WATER ANSWERS & FACTS (special focus on district of Gurgaon, Haryana)

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  07/09/2021   Water F acts: Q1) the average American household uses 400 gallons of water per day! Any idea how much an Indian family of four on average use? Ans.   Domestic Household: Bathing                              55 lpcd (litre per capita per day) Toilet Flushing                    30 lpcd Washing of Clothes            20 Washing the house              10 Washing utensils               10 Cooking                               05 Drinking           ...