राजनीतिक उपेक्षा के शिकार जैन समुदाय को जागना होगा|
आदरणीय भाईयों बहनों सादर जय जिनेंद्र|
आप समस्त जैन अनुयायियों को विदित होगा की सरकारी आंकड़ो अनुसार जैन समुदाय की जन संख्या 50 लाख के लगभग बताई जाती है जो एक असत्य आंकड़ा है|
जैन धर्मावलंबियों के सभी सम्प्रदायों की जनसंख्या लगभग पांच करोड़ से अधिक है। उसके बावजूद राजनितिक पार्टियां जैन समाज को कम महत्व देती है। क्यों कि समाज में एकता की कमी होना और संगठित न रहना शामिल हैं।
गौरतलब हो जैन भाईयों / बहनों पहली लोकसभा गठन के समय 60 से अधिक जैन सांसद सदन मे शोभा बढ़ाते रहे, जो धीरे- धीरे कम होते गये आज ऐसा वक्त आ गया कि एक भी जैन लोकसभा में
बतौर सांसद मौजूद नहीं है। ये अत्यन्त गंभीर व विचारणीय प्रश्न है।
अभी कुछ समय पहले अनोप मंडल ने जैन समाज को बदनाम करने का घिनौना कार्य किया (वह निरंतर यह घृरंत कार्य करते रहते हैं), परन्तु कोई भी राजनीतिक पार्टी समाज के साथ नहीं रही, मानो जैन समाज अछूत सा हो गया हो|
एक बात और श्री सम्मेद शिखर जी को जब पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया तब 2018 में झारखण्ड मे तत्कालीन भाजपा की सरकार थी| तथा 2025 में नव निर्वाचित श्री हेमंत सोरेन की सरकार है और 15 जनवरी 2025 को झारखंड सरकार ने राज्य के चार जिलों में ईको सफारी पार्क की आधिकारिक घोषणा करी है जिसमे पारसनाथ हिल्स या श्री सम्मेद शिखर जी को भी सूची में डाला गया है। https://www.livehindustan.com/jharkhand/jungle-safari-in-jharkhand-4-districts-hemant-soren-governemnt-will-spend-800-crore-201736909684236.html जिसका विरोध सम्पूर्ण जैन समाज करेगा क्योंकि इस नीति से सिद्ध क्षेत्र को अत्यंत क्षति पहुंचेगी। https://www.thefollowup.in/jharkhand/news/jungle-safari-will-be-built-in-these-4-districts-of-the-state-at-a-cost-of-rs-800-crore-chief-minister-hemant-soren-gave-instructions-55668.html सरकारें किसी भी पार्टी की हो हम जैनियों को यह सुनिश्चित करना है जब तक हमारी राजनीति में सक्रियता नहीं होगी यह राज्य एवं केंद्र सकारें और पार्टियां हमारी जैन संस्कृति और समाज की मांगों को गंभीरता से नहीं लेंगी। जैन तीर्थों को मात्र पर्यटन के रूप में विकसित करने की मानसिकता जैन समाज की मूल विचारधारा से पूर्णतया भिन्न है इसलिए यह विचार हम जैन समाज के प्रतिनिधियों को देश की विभिन्न राजनैतिक पार्टियों को बताना एवं समझाना होगा। ताकि वह हमारी धार्मिक मनोस्तिथि और विकास की सोच में अंतर कर सकें।
वर्तमान समय में सम्पूर्ण भारतवर्ष में जैन समाज क्यों असुरक्षित महसूस कर रहा है इसपे समग्र समाज को सोचना होगा, अन्यथा हमारे सभी देवालयों पर अन्य लोगों का कब्जा होता रहेगा और हमारा समाज अलग-अलग विचारधाराओ मे बंटकर अपनी बर्बादी का तमाशा स्वयं देखेंगे|
यह स्थिति उत्पन्न होने से पूर्व सभी सम्प्रदायों को एक होकर 'हम सब जैन है' का नारा बुलंद करना होगा और प्रत्येक लोकसभा एवं विधान सभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा जैन उम्मीदवार उतारकर सांसद बनाना होगा| जैन समाज यदि आपसी सहयोग करता है तो आराम से लोकसभा की 15-20 सीटें जीती जा सकती है। यदि किसी कारण जैन उम्मीदवार जीत नही पाता है, तो भी कुछ समीकरण बदल ही सकते हैं। और इस पहल से जैन समाज को आगे उचित प्रतिनिधित्व की सम्भावनाएं बढ़ सकती हैं, जो जैन समाज के हित में रहेगी| इसके लिए हर जैंन समुदाय को चुनाव के समय एक महत्वपूर्ण कार्य करना होगा जब वोट देने जाये तब ईवीएम मशीन पर लगे सभी नामों को अच्छे से पढ़कर ही वोट, करना होगा| प्रयास रहे जैन उम्मीदवार को ही वोट करें अगर वह साफ सुथरा व्यक्तित्व चरित्र का व्यक्ति है|
प्रत्येक जैन का वोट सिर्फ और सिर्फ जैन को करने का संकल्प लेंगे तब इस पहल से हम अपने समाज से सशक्त जनप्रतिनिधि सांसद,
है विधायक चुनकर सदन मे भेज सकते हैं, जो हमारे धर्म, संस्कृति और धरोहरों की रक्षा कर सकता हैं और हमारी आवाज बनकर जैन समुदाय की रक्षार्थ खड़ा रह सकता हैं।
अगर कोई भी किसी भी पार्टी से जुड़ा हुआ और उस क्षेत्र में जैन भाई बहन चुनाव में प्रत्याशी हो तो वोट उसी को देने का ओर दिलाना भी होगा, तभी समाज में जागरूकता बढ़ेगी, सभी से निवेदन इसको आगे सभी जैन भाईयों बहनों और अपने जैन ग्रुप में भेजिये प्रत्येक पुरे भारतवर्ष में जैन के मोबाइल फोन में यह सन्देश होना चाहिए|
आज अपने मंदिर श्री पालीताना श्री गिरनार जी और अन्य धार्मिक स्थलो पर अतिक्रमण हो रहा हैं| ये कैसा संरक्षण है!
चिंतन मनन अवश्य करें|
भवदीय
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